
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है… आप पासपोर्ट साइज फोटो खिंचवाने के लिए स्टूडियो में कुर्सी पर बैठे हैं, चेहरे पर लाइट्स पड़ रही हैं और तभी फोटोग्राफर आपसे कहता है- “कृपया मुस्कुराएं नहीं।” यह सुनकर थोड़ा अजीब लगता है, है ना? आखिर मुस्कुराना तो इंसानी स्वभाव है। मुस्कुराते हुए हम अच्छे और मिलनसार लगते हैं, लेकिन पासपोर्ट फोटो का मकसद आपकी खूबसूरती या स्वभाव दिखाना नहीं होता। इसका सिर्फ एक ही काम है- यह साबित करना कि आप वही व्यक्ति हैं, चाहे आप दुनिया के किसी भी बॉर्डर पर हों।
जी हां, पासपोर्ट फोटो में मुस्कुराने की मनाही के पीछे कोई पर्सनल चॉइस नहीं, बल्कि गहरा विज्ञान है। ‘फोरेंसिक साइंस इंटरनेशनल’ में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, चेहरे के भाव पहचान की सटीकता पर असर डालते हैं। रिसर्च में पाया गया कि मुस्कुराते हुए चेहरे के मुकाबले ‘न्यूट्रल’ यानी शांत चेहरे की पहचान करना ज्यादा आसान और सटीक होता है, खासकर जब फोटो को सालों बाद मिलाया जाए। जब चेहरे की मसल्स रिलैक्स होती हैं, तो चेहरे को मापना आसान होता है।










