
रायपुर, 16 दिसंबर 2025: छत्तीसगढ़ की नवनिर्मित विधानसभा भवन का नाम ‘मिनी माता भवन’ रखने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। सतनामी समाज के युवाओं ने इस संबंध में विपक्षी दलों से आगामी विधानसभा सत्रों में इस मुद्दे को उठाने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि मिनी माता ने सामाजिक न्याय, महिला सशक्तिकरण और दलित उत्थान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, जिसे सम्मानित किया जाना चाहिए।
सतनामी समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि मिनी माता छत्तीसगढ़ से पहली महिला सांसद थीं और वंचित वर्गों की आवाज को संसद तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। वे न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व रहीं। नई विधानसभा भवन का नाम उनके नाम पर रखने से आने वाली पीढ़ियों को उनके संघर्ष और विचारधारा से प्रेरणा मिलेगी।
ज्ञात हो कि कांग्रेस शासनकाल में 2020 में विधानसभा भवन की नींव रखी गई थी, तब इसे ‘मिनी माता भवन’ नाम देने का निर्णय लिया गया था। हालांकि, उद्घाटन के समय इस नाम का उल्लेख नहीं किया गया, जिस पर विभिन्न पक्षों से विरोध दर्ज किया गया था। युवाओं ने स्पष्ट किया कि यह मांग किसी राजनीतिक दल के विरुद्ध नहीं है, बल्कि सामाजिक सम्मान और ऐतिहासिक विरासत को संरक्षित करने की भावना से प्रेरित है।
युवाओं ने विपक्ष से अपील की है कि वह इस विषय को गंभीरता से लेते हुए सदन में प्रस्ताव रखे और सरकार से निर्णय लेने का दबाव बनाए। शीतकालीन सत्र के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा की उम्मीद की जा रही है।


सतनामी समाज के युवाओं ने








