
रायपुर/जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ के दूरस्थ इलाकों में रेलवे की नई सैर शुरू हो गई है! नया रायपुर से दुर्ग-बलौदाबाजार होते हुए खरसिया तक प्रस्तावित 266 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन परियोजना में अब तेजी आ गई है। रेलवे अधिकारियों की टीम ने जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़, खैरताल और गंगाजल गांवों में पहुंचकर प्रारंभिक सर्वेक्षण शुरू कर दिया। राज्य बजट में पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, और छत्तीसगढ़ रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CRCL) की रिपोर्ट के आधार पर यह प्रोजेक्ट फुल स्पीड में आगे बढ़ रहा है।
यह पूरी तरह नई और स्वतंत्र रेल लाइन होगी – बिलासपुर रूट को पूरी तरह बायपास करेगी। नतीजा? यात्रा समय में भारी कटौती, माल ढुलाई में आसानी और उन इलाकों तक रेल पहुंच जो अब तक ट्रेन से कोसों दूर थे!
मुख्य हाइलाइट्स एक नजर में:
कुल लंबाई → लगभग 266 किमी
अनुमानित लागत → ₹4900 करोड़
निर्माण लक्ष्य → 4 वर्ष में पूरा
लाभार्थी → 100+ गांव और कस्बे, खासकर बलौदाबाजार, नवागढ़, खरसिया जैसे क्षेत्र पहली बार रेल से जुड़ेंगे
फायदा → औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन, बेहतर बाजार पहुंच और सामाजिक-आर्थिक उन्नति
यह परियोजना उन क्षेत्रों के लिए गेम-चेंजर साबित होगी जहां आज भी रेलवे का नामोनिशान नहीं है। बलौदाबाजार जैसे प्रमुख बाजार क्षेत्रों में यात्री और मालगाड़ी सेवा शुरू होने से स्थानीय अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी
क्यों है यह परियोजना खास?
पहली बार इन इलाकों में ट्रेन आएगी – अब तक सिर्फ सड़क पर निर्भर थे लोग
बिलासपुर बायपास से समय और ईंधन की बचत
औद्योगिक हब जैसे दुर्ग-रायपुर को नए कनेक्शन
ग्रामीण विकास की नई दिशा – रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सब बेहतर होंगे
प्रशासन और रेलवे का कहना है कि सर्वे के बाद जल्द ही डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार होगी और निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। छत्तीसगढ़ के इन हिस्सों के लिए यह सपने जैसा लग रहा है, लेकिन अब हकीकत बनने की राह पर है!
रेलवे से नया छत्तीसगढ़, नई उम्मीदें! 🚄🌟
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