
डी के सरजाल
मरवाही (गौरेला-पेंड्रा-मरवाही), 18 दिसंबर 2025: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी व्यवस्था में व्याप्त अनियमितताओं और तकनीकी खामियों से त्रस्त किसानों का गुस्सा अब सड़कों पर फूट पड़ा है। भारतीय किसान संघ (भाकिसं) के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसानों ने मरवाही के सिवनी मोड़ पर चक्काजाम कर जोरदार प्रदर्शन किया। किसान सड़क पर बैठ गए, जिससे कई घंटों तक यातायात पूरी तरह ठप रहा।
भारतीय किसान संघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश इकाई ने पहले ही जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी थी कि यदि निर्धारित समय में धान खरीदी से जुड़ी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। संघ के ज्ञापन में मुख्य मांगें थीं – टोकन व्यवस्था में सुधार, दैनिक खरीदी लिमिट बढ़ाना, ऑनलाइन-ऑफलाइन टोकन प्रक्रिया की तकनीकी खामियां दूर करना, लंबित टोकन धारकों को प्राथमिकता देना और खरीदी अवधि बढ़ाना।
किसानों का कहना है कि उपार्जन केंद्रों पर रोजाना जारी टोकनों की संख्या बहुत कम है, जिससे अधिकांश किसान समय पर अपना धान नहीं बेच पा रहे हैं। ऑनलाइन टोकन सिस्टम में बार-बार आ रही दिक्कतों के कारण किसानों को बार-बार केंद्रों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों ने एक पारदर्शी और सुगम व्यवस्था की मांग की है।
किसान नेताओं ने कड़ी चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही टोकन लिमिट बढ़ाने और अन्य मुद्दों का निराकरण नहीं हुआ, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। संघ का कहना है कि सरकार की उदासीनता के कारण किसानों को मजबूरी में सड़क पर उतरना पड़ा है। अब आगे की कार्रवाई प्रशासन और सरकार के हाथ में है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में इस वर्ष धान खरीदी प्रक्रिया को लेकर प्रदेशव्यापी असंतोष है। टोकन सिस्टम की तकनीकी समस्याएं, दैनिक लिमिट और केंद्रों पर अव्यवस्था के कारण कई जिलों में प्रदर्शन हो रहे हैं। हाल के दिनों में जशपुर, दुर्ग और अन्य क्षेत्रों में भी किसानों ने रैलियां और चक्काजाम किए हैं। राज्य सरकार ने हालांकि दावा किया है कि खरीदी सुचारू रूप से चल रही है, लेकिन किसानों का कहना है कि जमीनी हकीकत इससे उलट है।
यह प्रदर्शन छत्तीसगढ़ के किसानों की बढ़ती बेचैनी को दर्शाता है। यदि समस्याओं का त्वरित समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन पूरे प्रदेश में फैल सकता है।










